बैलेंस्ड फंड: कम जोखिम और बेहतर रिटर्न

बैलेंस्ड या हाईब्रिड फंड आपको ग्रोथ के साथ-साथ स्थायित्व की सुविधा भी देता है। पिछले पांच साल का प्रदर्शन यह साबित कर देता है कि बाजार के उतार-चढ़ाव के दिनों में बैलेंस्ड फंड निवेशक का सच्चा साथी है। बैलेंस्ड फंड की निवेश-संरचना ही इस तरह की होती कि हर परिस्थिति में यह निवेशकों के काम आते हैं।

निवेशकों की जिंदगी में अक्सर ऐसे अवसर आते हैं जब इक्विटी और डेट में से किसमें निवेश किया जाए, यह तय करना मुश्किल होता है। यही वजह है कि अधिकतर फाइनेंशियल एडवाइजर शुरुआती निवेशकों को यह सलाह देते हैं कि वह पांच साल से अधिक अवधि के लिए बैलेंस्ड फंडों का चयन करें। बैलेंस्ड या हाइब्रिड फंड उन लोगों के लिए भी एक उपयुक्त विकल्प है जो इक्विटी और डेट में किए गए अपने निवेश को एक नियमित समयांतराल पर पुनर्संतुलित नहीं कर पाते हैं।

बना रहता है इक्विटी और डेट का अनुपात

फाइनेंशियल प्लानर्स कहते हैं कि बैलेंस्ड फंड वैसे निवेशकों के लिए अच्छा है जो कम से कम पांच साल के लिए निवेश करना चाहते हैं। यहां निवेशकों को इक्विटी और डेट में किए गए निवेश के अनुपात को पुनर्संतुलित करने की जहमत नहीं उठानी पड़ती, यह काम फंड प्रबंधकों का होता है। नियमित तौर पर पुनर्संतुलन किए जाने से बाजार में आए तेजी के दिनों में आप लाभ कमा सकते हैं। इस लाभ को नियमित तौर पर ज्यादा सुरक्षित ऋण उपकरणों में ट्रांसफर किया जाना ही पुनर्संतुलन का उद्देश्य होता है।

दो तरह के बैलेंस्ड फंड

बैलेंस्ड या हाईब्रिड फंड निवेश संरचना के नजरिये से दो तरह के होते हैं। इक्विटी हाईब्रिड फंड जहां 75 प्रतिशत से अधिक का निवेश इक्विटी में करते हैं वहीं डेट हाईब्रिड फंडों का निवेश डेट में कम से कम 75 प्रतिशत का होता है। धवन कहते हैं कि निवेशक की जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश की अवधि पर यह निर्भर करता है कि उनके लिए कौन सा बैलेंस्ड फंड ज्यादा सटीक होगा। तीन से पांच साल की अवधि के लिए डेट हाईब्रिड फंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

निवेश का बेहतर प्रबंधन

बैलेंस्ड फंड निवेशकों को स्टॉक और बांड दोनों में एक साथ निवेश करने की सुविधा देता है साथ ही इसमें ग्रोथ एवं डिविडेंड दोनों के विकल्प होते हैं। इस प्रकार का डाइवर्सिफायड होल्डिंग यह सुनिश्चित करता है कि बिना अधिक घाटा उठाए यह शेयर बाजार के मंदी के दौर का प्रबंधन भी कर सकते हैं।

विशुद्ध इक्विटी फंडों से ज्यादा सुरक्षित है बैलेंस्ड फंड

विशुद्ध इक्विटी फंडों का रिटर्न पूरी तरह उन शेयरों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है जिसमें निवेश किया गया है। अगर बाजार में लगातार बढ़त का दौर बना रहता है तो ऐसे में विशुद्ध इक्विटी फंडों का प्रदर्शन बैलेंस्ड फंडों से कहीं बेहतर होता है लेकिन बाजार के उतार-चढ़ाव के दौर में बैलेंस्ड फंड ज्यादा सुरक्षित होते हैं क्योंकि अपने-अपने निवेश मैंडेट के हिसाब से यह पोर्टफोलियो के एक हिस्से का निवेश अच्छी रेटिंग वाले डेट इंस्ट्रूमेंट में करते हैं। जब शेयर बाजार में गिरावट का दौर शुरू होता है तो बैलेंस्ड फंडों द्वारा डेट में किया गया निवेश रिटर्न में होने वाली गिरावट को सीमित रखता है।