डिविडेंड यील्ड फंड्स
डिविडेंड यील्ड की सुरक्षात्मक रणनीति पर आधारित डिविडेंड यील्ड फंड्स के अंतर्गत उन कंपनियों में निवेश किया जाता है जिनका इतिहास लगातार अधिक लाभांश के भुगतान करने का रहा है। डिविडेंड यील्ड नकदी प्रवाह- डिविेडेंड द्वारा मापा जाता है जो कि निवेशक को कंपनी में निवेश किए गए प्रत्येक रुपए पर मिलता है। इसे एक उदाहरण से समझें। अगर कंपनी एबीसी ने एक साल में प्रति शेयर २० रुपए का डिविडेंड घोषित किया और दूसरी कंपनी एक्सवाईजेड ने एक साल में प्रति शेयर १५ रुपए का डिविडेंड घोषित किया और उनके मौजूदा बाजार मूल्य क्रमश: ५० रुपए व ३० रुपए हों तो इस मामले में एबीसी की डिविडेंड यील्ड होगी २०/५० बराबर ४० फीसदी और एक्स वाईजेड की डिविडेंड यील्ड १५/३० बराबर ५० फीसदी होगी। डिविडेंड यील्ड फंड्स निवेश की वैल्यू स्टाइल में वर्गीकृत किए जाते हैं जबकि एक पोर्टफोलियो के अधिकांश स्टॉक हाई डिविडेंड व स्टॉक कीमतों के चलते आकर्षक वैल्यूएशन पर कारोबार करते हैं। लिहाजा निवेशकों को स्टॉक की कीमतों में वृद्धि होने से पूंजी वृद्धि व डिविडेंड दोनों से आय होती है।
देश में कई डिविडेंड यील्ड फंड्स हैं। इसकी शुरूआत २००३ में लांच हुए बिरला सन लाइफ डिविडेंड यील्ड प्लस से हुई। जून २०१२ तक सभी डिविडेंड यील्ड फंड्स के तहत ५२७४ करोड़ रुपए की एसेट अंडर मैनेजमेंट-एयूएम थी जो कि इक्व्टिी फंडों की तकरीबन २.६५ फीसदी है। हालांकि अब इसमें काफी इजाफा हो चुका है।
इन योजनाओं का ८ सालों के दौरान कैलेंडर साल के अनुसार प्रदर्शन बताता है कि कैटेगरी ने एस एंड पी सीएनएक्स निफ्टी में २००६-२०११ के दौरान लगातार ६ सालों में बेहतरीन प्रदर्शन किया। २००५ में अंडरपरफार्मेंंस मार्जिनल थी। यहां तक २०१२ में जो कि अभी पूरा भी नहीं हुआ उसमें इस कैटेगरी ने माके्रट बेंचमार्क को पीछे छोड़ दिया।
ये फंड ऐसे इक्व्टिी फंड निवेशकों के लिए आदर्श हैं जो कि चंचल बाजार में सुरक्षात्मक रणनीति से निवेश करना चाहते हैं। हालांकि इस श्रेणी में न्यूनतम निवेश अवधि कम से कम ५ साल की होनी चाहिए। जहां तक टैक्स की बात है तो डिविडेंड यील्ड फंड समेत डिविडेंड ऑप्शन में प्राप्त किए गए सभी डिविडेंड कर मुक्त हैं। उचित डिविडेंड यील्ड फंड चुनने के लिए निवेशक डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यडॉटक्रिसिलडॉटकॉम पर उपलब्ध तिमाही क्रि सिल म्युचुअल फंड रैंकिंग रिफर कर सकते हैं।